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निस्केयर के उद्देश्य कार्यकर्ता का संछिप्त विवरण


राष्ट्रीय विज्ञान संचार तथा सूचना स्रोत संस्थान (निस्केयर), भारतीय विज्ञान संचार तथा भारतीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक प्रश्वेखन केन्द्र (इंसडॉक) के दिनांक 30 सितम्बर 2002 को हुए विलय के पश्चात अस्तित्व में आया। निस्कॉम तथा इंसडॉक दोनों ही वैज्ञानिनक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के प्रमुखख संस्थान थे जो वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक सूचना (एस एंड टी) के प्रलेखन तथा प्रचार/प्रसार के लिये समर्पित थे।

राष्ट्रीय विज्ञान संचार 

देश में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की सामयिक तथा पारस्परिक ज्ञान-प्रणाली पर उपलब्ध सभी सूचना स्रोतों का मुख्य संरक्षक बनना तथा सर्वाधिक प्रयुक्त प्रौद्योगिकियों प्रयोग करके सभी स्तर के विविध संघटकों में  को प्रोत्साहन करना/बढ़ावा देना।निस्केयर सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा ई-जर्नलों पर सुलभता प्राप्त करने के लिए कर्न्सोशियम का विकास करने के लिए नोडल संगठन का कार्य करता है। इस गतिविधि में प्रमुख अन्तरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा प्रकाशित वैज्ञानिक अनुसंधान पत्रिकाओं के सृजन से लेकर सुलभता सुविधा पर मॉनीटरिंग सम्मिलित है। इस योजना के अन्तर्गत सीएसआईआर के वैज्ञानिक इन अनुसंधान पत्रिकाओं पर सुलभता प्राप्त कर अपने प्रयोग के लिए सामग्री डाउनलोड कर सकते हैं। विश्वभर की अनुसंधान पत्रिकाओं पर ऐसी सुलभता बहुत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करेगी तथा सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में अनुसंधान तथा विकास को सशक्त बना देश के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए उपयोगी ज्ञान उत्सर्जन को बढ़ाएगी। इसके उद्देश्य निम्नांकित 


  • सीएसआईआर पुस्तकालय संसाधनों को पूलिंग, शेयरिंग तथा इलेक्ट्रोनिकल रूप में सुलभता प्राप्त कर सशक्त बनाना।
  • सीएसआईआर प्रयोगशालाओं को विश्वभर के वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक साहित्य पर सुलभता प्रदान करना।
  • इलेक्ट्रोनिक रूप में सुलभता की संस्कृति को बढ़ाकर डिजीटल पुस्तकालयों के उत्सर्जन हेतु कार्य करना।

ऐसे सदस्य संसाधनों में मैसर्स ब्लैकवेल, मैसर्स जॉनविले, मैसर्स स्प्रिंगर, मैसर्स एआईपी, मैसर्स एएससीई तथा अन्य प्रकाशक तथा अनुसंधान पत्रिकाएं/साइंस, जेसीसीसी तथा एसीआई-फाइन्डर जैसे डेटाबेस सम्मिलित  sabhar vikipidia 

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