भारत ने निमोनिया पर नियंत्रण करने के लिए पहला स्वदेशी टीका लॉन्च किया है न्यू मोसिल नामक इस टीके का निर्माण सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया तथा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर किया गया है दुनिया भर में प्रतिवर्ष 5 साल से कम उम्र के लगभग 1000000 बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण निमोनिया है भारत में प्रति वर्ष 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत में लगभग 14% मौतों का कारण निमोनिया है निमोनिया के कारण कारण होने वाली कुल मौतों में लगभग आधी मौतें निम्नलिखित 5 देशों में होती है जिसमें डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो इथोपिया भारत नाइजीरिया पाकिस्तान सम्मिलित है निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है तथा खांसी सांस लेने में परेशानी और बुखार इसके सबसे आम लक्षण है या एक संक्रामक रोग है जो खांसी के माध्यम से हो सकता है निमोनिया से होने वाली मौतों के कारण में कुपोषण टीका तक पहुंच में कमी वायु प्रदूषण आदि सम्मिलित है यदि हम उसे सही हाथ धोया जाए तो खतरे को 50% तक कम किया जा सकता है
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
vigyan ke naye samachar ke liye dekhe